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बरेली। बरेली लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार का पर्चा खारिज होने और आंवला सीट से पार्टी के दो प्रत्याशियों के नामांकन होने से उठे विवाद

 


बरेली। बरेली लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार का पर्चा खारिज होने और आंवला सीट से पार्टी के दो प्रत्याशियों के नामांकन होने से उठे विवाद की गाज बसपा जिलाध्यक्ष राजीव सिंह और मंडल कोऑर्डिनेटर ब्रह्मस्वरूप सागर पर गिरी है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आदेश पर दोनों पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अनुशासनहीनता और दूसरे दल के प्रत्याशी से नजदीकी इसकी वजह मानी जा रही है। आंवला लोकसभा सीट से बसपा ने पहले आबिद अली को प्रत्याशी घोषित किया था। बाद में शाहजहांपुर जिले के निवासी सत्यवीर सिंह ने खुद को बसपा प्रत्याशी बताकर पर्चा दाखिल कर दिया। शुरू में तो प्रशासन ने भी सत्यवीर को सही मानते हुए आबिद अली का पर्चा खारिज कर दिया, लेकिन ऐन वक्त पर आबिद का पर्चा बहाल कर सत्यवीर का नामांकन खारिज किया गया। अब आबिद अली ने सत्यवीर सिंह को सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य का करीबी बताकर गहरी साजिश जताकर रिपोर्ट कराई है। चर्चा है कि आबिद अली व संगठन के कुछ लोगों ने पार्टी के मौजूदा पदाधिकारियों पर भी घटनाक्रम का सूत्रधार होने की आशंका जताई है। आर्थिक समझौते जैसी बातें भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। यही वजह रही कि महज 24 घंटे के भीतर ही बसपा प्रमुख ने दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। 

ओमकार को सौंपी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी 

बसपा जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अब ओमकार कातिब को सौंपी गई है। बताते हैं कि निष्कासन संबंधी जारी पत्र में कहा गया है कि ब्रह्मस्वरूप सागर और जिलाध्यक्ष राजीव कुमार को अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। दोनों को व्यवहार में सुधार लाने के लिए कहा गया था, लेकिन उनमें कोई परिवर्तन नहीं आया। 

वहीं इस मामले में राजीव सिंह ने बताया कि मुझे अभी कोई पत्र नहीं मिला है। सूचना मिली है कि जिलाध्यक्ष पद से निष्कासित किया गया है। पार्टी में निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करने का यह सिला मुझे मिला है। बह्मस्वरूप सागर ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो मेरे निष्कासन संबंधी जो सूचना मिल रही है, वह सही है। किस वजह से निष्कासित किया गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

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