बरेली। माना की राजनीति में सब कुछ संभव है। बरेली लोकसभा और आंवला लोकसभा सीट पर पिछले काफी समय से लगातार
बरेली। माना की राजनीति में सब कुछ संभव है। बरेली लोकसभा और आंवला लोकसभा सीट पर पिछले काफी समय से लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। कहीं प्रत्याशी बदले जाने को लेकर विरोध हो रहा है। तो कहीं फर्जी प्रत्याशी खड़ा कर जीतने की तैयारी की जा रही है। आंवला लोकसभा क्षेत्र से बीते दिनों नामांकन के दौरान जलालाबाद के रहने वाले सत्यवीर ने बसपा प्रत्याशी के रूप में अपना परचा दाखिल किया था। हालांकि बाद में उन्हें फर्जी प्रत्याशी मानते हुए उनका परचा खारिज कर दिया गया और अब चुनाव मैदान से बाहर है। आंवला लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी आबिद अली का आरोप है कि समाजवादी पार्टी के आंवला लोकसभा सीट के प्रत्याशी नीरज मौर्य ने सत्यवीर का फर्जी तरीके से परचा दाखिल कराया था। उन्होंने जो सिंबल संबंधित दस्तावेज जमा किए थे वह भी फर्जी थे। जिन्हें तैयार करने में नीरज मौर्य की सहभागिता थी। जिसके चलते उन्होंने सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य और बसपा से ही टिकट होने का दावा करके नामांकन करने वाले सत्यवीर सिंह पर धोखाधड़ी व जालसाजी जैसी गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सत्यवीर पार्टी के प्रत्याशी नहीं हैं, इसकी पुष्टि एक दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती ने की थी और उसके बाद उनका नामांकन निरस्त किया गया था। इसके बाद बसपा उम्मीदवार आबिद अली ने अपने साथ हुई साजिश में सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य को भी शामिल बताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। हालांकि नीरज मौर्य ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। आबिद अली ने रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही बताया कि बहुजन समाज पार्टी ने आंवला लोकसभा से उन्हें प्रत्याशी बनाया है, जबकि रिटर्निंग कार्यालय से जारी प्रत्याशियों की अंतिम सूची में शाहजहांपुर के जलालाबाद निवासी सत्यवीर सिंह को बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी दर्शाया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्यवीर ने नकली मोहर और फर्जी दस्तावेज तैयार कर फार्म ए और बी सिंबल अथॉरिटी के रूप में नामांकन के साथ लगाया। बसपा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी रिटर्निंग अधिकारी को लिखित में अवगत कराया कि सत्यवीर को ए और बी फार्म जारी नहीं किया गया था। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि की। इसके बाद सत्यवीर का परचा खारिज हुआ।
जिस कार में मिले दस्तावेज उसका ड्राइवर नहीं जानता सत्यवीर को
आबिद का आरोप है कि सत्यवीर के नामांकन के दौरान फर्जी दस्तावेजों की फाइल श्यामलाल नाम का शख्स कार में लेकर बैठा था। कलक्ट्रेट गेट पर बसपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कार पकड़ी तो कार के ड्राइवर अशोक मौर्य ने पुलिस को बताया कि उसे सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य के करीबी नरेंद्र कुमार ठेकेदार ने श्यामलाल को लेने भेजा था। आबिद का आरोप है कि सत्यवीर और सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य मिले हुए हैं और फर्जी दस्तावेज तैयार करने में दोनों की सहभागिता है। आबिद अली की शिकायत पर कोतवाली में दोनों प्रत्याशियों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
दोनों रखते हैं जलालाबाद ताल्लुक
आबिद का आरोप है कि नीरज मौर्य और सत्यवीर दोनों ही शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद से ताल्लुक रखते हैं और सत्यवीर को फर्जी तरीके से प्रत्याशी बनवाने की साजिश में नीरज मौर्य भी बराबर के साझीदार हैं। इसका प्रमाण वह पुलिस को दे चुके हैं।
कार से मिली दो लाल टोपियां
बसपा कार्यकर्ताओं ने सपा प्रत्याशी पर साजिश का आरोप लगाकर कार कोतवाली पुलिस को दी है। उसमें सपा की बताई जा रहीं दो लाल टोपियों के अलावा कुछ नहीं मिला है। बसपाइयों का कहना था कि इसी कार से सत्यवीर के फर्जी कागजात नीरज मौर्य के करीबी लेकर आए हैं तो इसे सीज कर मुकदमे का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। वहीं आरोपों की पुष्टि न देखकर इंस्पेक्टर कोतवाली डीके शर्मा ने कार को बिना कागजात मानकर सीज कर दिया। इधर, कार ड्राइवर अशोक का भी वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह नीरज मौर्य से तो जुड़ाव बता रहा है लेकिन सत्यवीर को जानने से इन्कार कर रहा है।
नीरज मौर्य की सफाई में भी झोल
बसपा प्रत्याशी के आरोपों पर सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य का कहना है कि शनिवार के घटनाक्रम को लेकर उन्हें वीडियो आदि से जानकारी हो रही है। वह जो समझ रहे हैं उसके मुताबिक कार चलाने वाला अशोक उनका समर्थक है। उसे रास्ते में जलालाबाद के ही एक वकील मिल गए थे, जिन्होंने खुद को कलक्ट्रेट की तरफ छोड़ने का अनुरोध किया था। ड्राइवर ने उन्हें वहां छोड़ दिया होगा। वकील के पास किसके कागजात थे और सत्यवीर सिंह से उनका क्या जुड़ाव है, ये वह नहीं जानते। रिपोर्ट राजनैतिक कारणों से लिखवाई गई है। पुलिस सही जांच करेगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी। पुलिस को सीसीटीवी, सर्विलांस आदि का प्रयोग कर निष्पक्ष विवेचना करनी चाहिए।
राजनीति का गिरता स्तर
हालांकि बसपा के प्रत्याशी आबिद अली ने सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य और सत्यवीर के खिलाफ पूरे घटनाक्रम को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें पुलिस जांच भी कर रहेगी और जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन राजनीति का स्तर इस तरह गिरता जा रहा है कि अपनी जीत के लिए प्रत्याशी अब फर्जी प्रत्याशी भी खड़े करने लग गए हैं। यदि कोई प्रत्याशी फर्जी दस्तवेजो और जनता के साथ फर्जीवाड़ा कर जीत हासिल भी कर लेता है तो ऐसे में सोचने वाली बात यह है। कि वह अपने कार्यकाल में जनता के साथ कैसा बर्ताव करेगा। राजनीति में समाज की सेवा और जनता के हितों का ढोंग करने वाले नेता चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन जीत के लिए भी फर्जीवाड़ा करना स्पष्ट दर्शाता है। कहीं ना कहीं नेता अपने स्वार्थ के लिए किसी हद तक भी जाने के लिए तैयार है।